पश्चिमी एशिया विशेष कर मेसोटामिया के साथ हड़प्पा वासियों के व्यापारिक सम्बन्धों के अनेक प्रमाण प्राप्त हुए हैं। यह व्यापार जल एवं स्थल दोनों मार्गों से होता था। निम्नलिखित पुरातात्विक साक्ष्य हड़प्पावासियों के पश्चिमी एशिया के साथ व्यापारिक सम्बन्धों की पुष्टि करते हैं -
(i) ताँबे को सम्भवत: ओमान से लाया जाता था। रासायनिक अध्ययनों से यह प्रतीत होता है कि हड़प्पा तथा ओमान के बर्तनों में निकेल के जो अंश पाये गये हैं उनका उद्भव एक ही है।
(ii) ओमान में एक हड़प्पाई जार प्राप्त हुआ है जिसपर काली मिट्टी की मोटी परत चढ़ी हुई है। यह हड़प्पावासियों के पश्चिमी एशिया के साथ व्यापारिक सम्बन्धों को दर्शाता है।
(iii) हड़प्पावासियों के शिल्प कार्य के लिए बलूचिस्तान और ईरान से चाँदी आती थी। सीसा मुख्यतः ईरान और अफगानिस्तान से आता था।
(iv) हड़प्पाई बाट, मुहरें, पासे तथा मनके पश्चिमी एशिया के कई स्थानों से मिले हैं जो हड़प्पा के साथ सुदूर देशों के सम्पर्क की ओर संकेत करते हैं।
(v) मेसोपोटामिया से प्राप्त कई प्रलेखों में मगान तथा मेलुहा स्थानों, जो हडप्पाई क्षेत्रों के लिए प्रयुक्त होता था, से लाये गये उत्पादों की चर्चा है। इन उत्पादों में प्रमुख थे- लाजवर्द मणि, ताँबा, सोना तथा विविध प्रकार की लकड़ियाँ।
(vi) हडप्पा के मुहरों में पानी जहाजों एवं नावों के चित्र मिलते हैं। यह उनके समद्री व्यापार की आर संकेत करता है। मेसोपोटामिया के प्रलेखों में भी मेलुहा को नाविकों का देश कहा गया है।
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