- प्रथम (1951) राज्यों के भूमि सुधार कानूनों को नवीं अनुसूची में रखकर न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र से बाहर कर दिया गया।
- सातवाँ (1956) भाषायी आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया। राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में उन्हें विभाजित किया गया।
- बारहवाँ (1962) पुर्तगाली आधिपत्य वाले केन्द्रशासित प्रदेश गोवा, दमन तथा दीव को भारत का अंग बना लिया गया।
- तेरहवाँ (1962) नागालैण्ड को भारत का नया राज्य घोषित किया गया, कुछ विशेष उपबन्ध के साथ।
- चौदहवाँ (1962) पुदुचेरी की भारत का अंग नाया गया।
- छब्बीसवाँ (1971) राजाओं की उपाधियाँ प्रिवीपर्स तथा विशेषाधिकार समाप्त।
- इकत्तीसवाँ (1973) लोकसभा की सदस्य संख्या 525 से बढ़ाकर 545 कर दी गई है।
- छत्तीसवाँ (1975) सिक्किम को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
- उन्तालीसवाँ (1975) राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के निर्वाचन को चुनौती नहीं दी जा सकती।
- बयालीसवाँ (1976) प्रस्तावना में पन्थनिरपेक्ष, समाजवादी और अखण्डता शब्द जोड़े गए। मौलिक कर्त्तव्यों का समावेश
- चवालीसवाँ (1978) सम्पत्ति के मौलिक अधिकार को समाप्त किया। सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में और मन्त्रिमण्डल की लिखित सलाह पर आपात की घोषणा राष्ट्रपति करेगा।
- अट्ठावनवाँ (1987) भारतीय संविधान का हिन्दी में प्राधिकृत रूप के लिए प्रावधान।
- इकसठवा (1989) मताधिकार की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की गई।
- उनहत्तरवाँ (1991) दिल्ली का नाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र किया गया तथा विधानसभा की स्थापना की गई।
- सत्तरवाँ (1992) दिल्ली विधानसभा तथा पुदुचेरी विधान सभा को राष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग लेने का अधिकार प्रदान किया गया।
- इकहत्तरवाँ (1992) आठवीं अनुसूची में कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली भाषा को सम्मिलित किया गया।
- तिहत्तरवाँ (1993) पंचायती राजा
- चौहत्तरवाँ (1992) नगर पालिका व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा दिया गया, संविधान में बारहवीं सूची जोड़ी गई।
- पिचासीवाॅं (2002) सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति/जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए पदोन्नतियों में आरक्षण की व्यवस्था।
- छियासीवाॅं (2002) राज्य द्वारा 6 से 14 साल तक के सभी बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रावधान।
- बयानेवाॅं (2003) संविधान की आठवीं अनुसूची में बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली भाषा का समावेश
- तिरानवेवा (2006) निजी एवं बिना सरकारी अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश हेतु सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ों के लिए आरक्षण।
- चैरानवेवाॅं (2006) अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए एक मन्त्री का प्रावधान मध्य प्रदेश एवं ओडिशा के साथ-साथ छत्तीसगढ़ एवं झारखण्ड में भी किया गया।
- पंचानवेवाॅं (2010) अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए आरक्षण की अवधि लोकसभा/राज्य की विधानसभा के लिए 60 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष (10 वर्ष के लिए)।
- छियानेवाॅं (2011) "उड़िया' भाषा को "ओड़िया'' में परिवर्तित किया गया।
- सत्तानवेवाॅं (2012) अनुच्छेद 19 (1)(C) में "सहकारी समितियाँ' शब्द को जोड़ा गया।
- अठानेवाॅं (2012) हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र को विकसित करने हेतु प्रभावी कदम उठाने के लिए कर्नाटक के राज्यपाल को सशक्त करना, कर्नाटक के राज्यपाल को विकसित करने के लिए।
- निन्यानवेवाॅं (2014) सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में जजों की नियक्ति एवं स्थानांतरण के लिए 'राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (वर्तमान के कोलेजियम सिस्टम के स्थान पर) की स्थापना हेतु।
- सौवाॅं (2015) भारत-बांग्लादेश के मध्य भूमि हस्तांतरण समझौते से संबंधित।
- 101वाॅं (2016) वस्त एवं सेवा कर (GST)
- 102वाॅं (2018) पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया।
- 103वाॅं (2018) आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10% आरक्षण प्रदान किया गया।
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