चावल को पॉलिश करने पर विटामिन-बी 1 (थायमिन) नष्ट हो जाता है, जिसकी कमी से बेरी-बेरी रोग हो जाता है।
इण्टरनेशनल यूनियन फॉर कन्जर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) नामक संस्था अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर वन्यजीवों की सुरक्षा हेतु कार्य करती है। - 'संरक्षण या विनाश' नामक पुस्तक की रचना सरला बहन द्वारा की गई।
विश्व जनसंख्या दिवस प्रतिवर्ष '11 जुलाई को मनाया जाता है।
पृथ्वी पर समुद्र का पारिस्थितिकी-तन्त्र सभी तन्त्रों में सबसे बड़ा व सबसे अधिक भाग पर विस्तारित है।
पर्यावरण स्वच्छता और शुद्धता का मूल्यांकन करना भावनात्मक क्षेत्र का उद्देश्य होता है।
ओजोन परत की मोटाई मापने की इकाई को 'डॉबसन इकाई' कहते हैं।
जब ध्रुव (Pole) से भूमध्यरेखा (Equator) की ओर बढ़ते हैं तब जैव-विविधता बढ़ती है।
भारत के हिमालयी क्षेत्र में भूस्खलन की अधिकतम घटनाएँ होती हैं।
मानव-पर्यावरण सम्बन्ध एक धनात्मक संकल्पना है।
अत्यधिक चारण के परिणामस्वरूप मृदा अपरदन की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
सामाजिक वानिकी का उद्देश्य परम्परागत वनों या स्थापित वनों के अलावा लोगों और सरकारों को निजी या सार्वजनिक भूमि पर पेड़ उगाने के लिए प्रेरित करना है।
फसल-चक्र के द्वारा मिट्टी में नाइट्रोजन तत्व की स्थिरता सम्भव हो पाती है।
'कोशिका' जीवन की मूलभूत इकाई है।
पर्यावरणीय असन्तुलन का मुख्य कारण पर्यावरण के संसाधनों का अनुचित दोहन है। - पर्यावरण अधिगम, औषधि एवं ऊर्जा तीनों का स्रोत है।
पर्यावरण शिक्षा की सबसे प्रभावशाली विधि 'प्रयोगशाला विधि' है।
सौर सैल द्वारा प्रकाश ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जा सकता है।
पौधे, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत हैं।
वातावरण के अनुरूप पौधों और जन्तुओं में पाए जाने वाले शारीरिक लक्षणों को अनुकूलन कहते हैं। - पानी में रोगाणुओं को नष्ट करने के लिए पोटैशियम परमैगनेट (KMOR) व क्लोरीन (Cl) डाला जाता है।
जैव अपघट्य पदार्थ वे होते हैं जो जैविक रूप से आसानी से नष्ट हो जाते हैं।
समुद्रों के जल की मात्र 0.65% मात्रा ही पीने योग्य है।
ज्यां बैपटिस्ट फ्यूरियर द्वारा सबसे पहले ग्रीन हाउस इफेक्ट को पहचाना गया था।
ऊर्जा उपभोग से सम्बन्धित दस प्रतिशत नियम को वर्ष 1942 में लिण्डमान द्वारा दिया गया।
यूएसए में पर्यावरण प्रदूषण के सम्बन्ध में वर्ष 1969 में एन्वायर्नमेण्टल इम्पैक्ट एसेसमेण्ट (ईआईए) प्रतिपादित किया गया।
कॉलीफॉर्म जीवाणु जल प्रदूषण के सूचक के रूप में काम आता है। .कीटभक्षी पादप जिस मृदा में उगते हैं उसमें नाइट्रोजन तत्व नहीं होता है।
खाद्य श्रृंखला के परस्पर समूह को 'खाद्य जगत' कहा जाता है।
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मानव पर्यावरण पर पहला सम्मेलन वर्ष 1972 में हुआ था।
एजेण्डा-21 नामक एक्शन प्लान को वर्ष 1992 में जारी किया गया।
पर्यावरण संरक्षण हेतु कर्नाटक राज्य में अप्पिको आन्दोलन चलाया गया था। • उष्णकटिबन्धीय वर्षा वन सर्वाधिक उत्पादक पारिस्थितिकी-तन्त्र है।
ताप. मदा व प्रकाश पर्यावरण के भौतिक घटकों के अन्तर्गत आते हैं।
पृथ्वी का दो-तिहाई भाग जलमण्डल है।
पर्यावरण शब्द की उत्पत्ति एनवायरोनेर (Environer) नामक फ्रेंच भाषा के शब्द से हुई।
वर्ष 1992 में पर्यावरण सुरक्षा से सम्बन्धित पहला पृथ्वी सम्मेलन रियो डि जेनरियो (ब्राजील) में हुआ था।
खाद्य श्रृंखला में ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय होता है।
वनों की कटाई, शिकार, निर्माण कार्य आदि प्राकृतिक एवं सामाजिक-सांस्कृतिक पर्यावरण के बीच अन्तक्रिया के उदाहरण हैं।
सभी जीव, भू-आकृतिक कारक व जलवायविक कारक प्राकृतिक पर्यावरण के प्रमुख घटक हैं।
सभी सजीवों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पौधों से भोजन मिलता है।
प्रकृति में हरे पौधे ऑक्सीजन का प्रमुख स्रोत हैं।
कवक मुख्य रूप में गर्म व आर्द्र स्थानों पर पाए जाने वाले जीव हैं।
लाइकेन, वायु प्रदूषण के प्राकृतिक सूचक हैं।
उष्ण तथा उपोष्ण कटिबन्ध में पाए जाने वाले पौधे वाष्पोत्सर्जन रोकने के लिए वर्ष में एक बार अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं।
कार्बोहाइड्रेट (ग्लूकोस) प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के दौरान बनने वाला उत्पाद है।
जन्तुओं में धारीदार चिह्न का कारण जलवायु है।
पशुओं को किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए रखना व पालन-पोषण करना, पशु-पालन कहलाता है।
जन्तुओं का वर्गीकरण उनके पोषण स्तर, आवास और शारीरिक रचना के आधार पर होता है।
'युग्लीना' पौधों और जन्तुओं के बीच संयोजक कड़ी है।
डॉल्फिन ऐसा जलीय जीव है जिसको श्वसन के लिए बार-बार पानी से बाहर आना पड़ता है।
पौधों में जल का अधिग्रहण जाइलम द्वारा होता है।
पौधे परागण प्रक्रिया द्वारा प्रजनन करते हैं।
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