सेवा में,
सम्पादक,
....................(प्रकाशक का नाम)
.....................(पता)।
महोदय,
आपके प्रतिष्ठित प्रकाशन के माध्यन से मै अपनी रचना ’भ्रष्टाचार: देश की दुर्दशा का प्रमुख कारण’ प्रकाशित करवाना चाहता हूँ।
सरकार का हर विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त है। कोई विभाग ऐसा नहीं है, जहाँ बिना लेन-देन के कोई काम कराया जा सके। ऊँचे स्तर पर तो इसका और भी भयंकर स्वरूप् है। टू-जी घोटाला, खनन घोटाला, काॅमन वेल्थ घोटाला जैसे न जाने कितने घोटाले इस देश के गरीबों के हक के पैसों को लूट रहे है। मैने अपनी रचना में इन सभी मुद्दो और तथ्यों पर बेबाक और तथ्यपरक विचार रखा है।
मै अपनी रचना की कुछ झालकियाँ पत्र के साथ संलगन कर रहा हूँ। आशा है इसका विश्लेषण करने के बाद आप पूरी रचना को प्रकाशित करने का विचार करेंगे।
भवदीय
दिनांक:................. नाम.....................
पता .....................।
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