पलामु
19 मई 2009
प्रिय सुरेश,
सप्रेम नमस्तें
बहुत दिनों के बाद तुम्हारा पत्र मिला । मै तो सोच रहा था कि शायद तुम मुझे भूल ही गये हो। तुमने अपने पत्र में रेल-यात्रा की बड़ा ही सुन्दर वर्णन किया है। इस पत्र में मै सोनपुर के मेले का वर्णन कर रहा हूँ। सोनपुर मेला सारे भारत में प्रसिद्ध है। इसे हरिहर क्षेत्र का मेला भी कहते हे। प्रतिवर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा को यह मेला लगता है। यह मेला करीब एक महीना तक रहता हेै। दुर-दुर से लोग मेला देखने के लिये आते है।
यह मेला बहुत बड़ा पशु मेला है। इसमें हाथी, घोड़े, ऊँट, गाय, बैल, भैस, बकरी, भेड़ आदि पशु बिकते है। पशुओं के अलावे कपड़े, मिठाई, खिलौने आदि की भी दूकाने रहती है। मेले में मनोरंजन के साध्न भी रहते है। सिनेमा, सर्कस, नौटंकी, जादू के खेल आदि को देखकर लोग अपने जीवन की नीरसता को दूर करते है। व्यापारियों को इस मेले मं अच्छी आय होती है। यह मेला देखने योग्य है। अगले वर्ष हमलोग सोनपुर मेला देखने के लिये जायेगे।
पत्रोत्तर की प्रतिक्षा में।
पता:-................................... तुम्हारा अभिन्न
.................................... नामः-...................
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4 Comments
बहुत अच्छा लिखा है!!
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया हमे आशा है कि हम आपके सर्च का सही उत्तर दे पाये। यदि आपको हमारा ये लेख पसंद आया तो किृप्या अपने दोस्तो के साथ शेयर करे।
ReplyDeleteWow! This letter is amazing 👏
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