कोरिया पर 1910 ई.से जापान का शासन था। द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति और जापान के आत्म-समर्पण के बाद सोवियत संघ और अमेरिका में यह सहमति बनी कि 'अन्तरिम कोरियाई प्रजातांत्रिक सरकार' बनने तक अपने अपने सैन्य अभियान वाले क्षेत्रों पर नियंत्रण रखें। उत्तरी कोरिया पर सोवियत संघ का नियंत्रण था और दक्षिणी कोरिया पर अमेरिका का नियंत्रण था। लेकिन, चीन और सोवियत संघ की शह पर उत्तरी कोरिया ने दक्षिणी कोरिया पर आक्रमण कर दिया। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र संघ में उत्तरी कोरिया को आक्रमणकारी घोषित करवा दिया। संयुक्त राष्ट्र ने कोरिया में संयुक्त सेना के माध्यम से शांति स्थापित करने का निर्देश दिया। अमेरिका सहित 21 देशों की सेनाओं ने उत्तरी कोरिया के कब्जे वाले क्षेत्रों को मुक्त कराया। लेकिन पुनः चीन और सोवियत संघ की शह पर उत्तरी कोरिया ने दक्षिण कोरिया के कई हिस्सों पर अपना कब्जा कर लिया। यह कब्जे और मक्ति का दौर 1950 ई. से 27 जुलाई 1953 तक चला। साम्यवादी गुट और पूँजीवादी गुटों ने जम कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया, जिसमें जान माल की व्यापक क्षति हुई। यह शीत-युद्ध की शुरुआत थी। __अन्त में संयुक्त राष्ट्र और गुट निरपेक्ष नेताओं, विशेष कर नेहरू जी की महत्वपूर्ण भूमिका के कारण युद्ध समाप्त हुआ। लेकिन दोनों देशों में तनाव बना रहा, जो आज भी बरकरार है।
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